अवसाद या डिप्रेशन Depression
आधुनिक जीवन शैली में डिप्रेशन बहुत बड़ी समश्या है, डिप्रेशन से ज्यादातर लोग काफी परेशान है। भारत मे हर चौथा आदमी डिप्रेशन से परेशान है। कई बार डिप्रेशन छोटे छोटे कारण से सुरु होता है और बाद में काफी खतरनाक होता है। डिप्रेशन से चलते लोगो का व्यवहार , पारिवारिक तथा सामाजिक जीवन को बहुत प्रभावित करता है।
नकारात्मक सोच डिप्रेशन की सबसे बड़ी वजह है और सकारात्मक सोच सबसे बड़ा इलाज़। परंतु जब कोई इंसान डिप्रेशन में होता है तो सोच में कंट्रोल नही होता इस लिए जल्द ही अच्छे मनोचिकित्सक (psychiatrist or psychologist) से परामर्श ले।
क्या होता है डिप्रेशन:
डिप्रेशन को रोग या सिंड्रोम कहा गया है। डिप्रेशन अक्सर दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर्स की कमी के कारण भी होता है। न्यूरोट्रांसमीटर्स दिमाग में पाए जाने वाले रसायन होते हैं जो दिमाग और शरीर के विभिन्न हिस्सों में कनेक्शन स्थापित करते हैं। इनकी कमी से भी शरीर की संचार व्यवस्था में कमी आती है और व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं। इस तरह का डिप्रेशन आनुवांशिक होता है।
डिप्रेशन के कारण निर्णय लेने में अड़चन, आलस्य, सामान्य मनोरंजन की चीजों में अरुचि, नींद की कमी, चिड़चिड़ापन या कुंठा व्यक्ति में दिखाई पड़ते हैं।
डिप्रेशन में 90% लोगो को नींद न आने की समस्याओं से जूझना पड़ता है, महिलाये पुरषो की अपेक्षा डिप्रेशन का कम शिकार है परंतु अच्छा माहौल नही मिलने से उनमे डिप्रेशन होता है।
डिप्रेशन से बचने के उपाय:
१) अपने आपको ज्यादा व्यवस्थित (busy)रखने की कोशिश करे, इसमे कोई खर्च भी नही और ये सबसे आसान तरीका है । फिर चाहे आपका काम हो, परिवार, या समाज कही भी अपने आप को व्यवस्थित रखे।
२) सकारात्मक सोच रखे ये आपको डिप्रेशन से लड़ने में आसानी से काम करेगा, इन तरह के विचार की "कुछ नही हुआ सब ठीक है" ।
३) खुश रहने की कोशिश वहीं काम करे जो आपको अच्छा लगे और खुशी दे, अगर संगीत का शौक है तो गाने या डांस कर। परिवार को भी चाहिए कि वो खुशी का ख्याल रखे।
४) पूरी नींद लेने की कोशिश करे , माहौल को शांत बनाने की कोशिश करे ताकि पूरी नींद आये।
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